गुरुवार, 30 मार्च 2023

मुरादाबाद के साहित्यकार धन सिंह धनेंद्र की लघुकथा ...…झटका

         


रजत सरकारी विभाग में सामान्य लिपिक के पद पर था। उसने अपने वेतन से कभी कुछ नहीं निकाला।  उसकी ऊपर की कमाई बे-हिसाब थी। उसी से उसका घर-बाहर का सारा खर्चा चलता था। उसके शौक महंगे थे। रजत की पत्नी कामिनी भी कहीं कम नहीं थी। अपनी पसंद के पहनावे से लेकर ज्वैलरी और मेक-अप आदि पर खुल कर खर्च करती। उसके पास एक से बढ़ कर एक ब्राडेड कंपनी का सामान रहता। वह तीन-तीन किटी पार्टिंयों की सदस्य भी थी।  

         महिला डाक्टर ने कामिनी को अगले माह के आखिर में शिशु पैदा होने की संभावित तिथि दी थी। डिलीवरी के लिए उसने शहर के सबसे बडे और मँहगे अस्पताल का चयन कर एडवांस धन जमा कर दिया और नियमित डाक्टरी सलाह ले रही थी। शिशु के जन्म पर दोनों पति-पत्नी जन्मोत्सव मनाने के अभी से ऊंचे-ऊंचे स्वप्न संजोने में लगे थे। उसको बाहर घूमने-फिरने के लिए सख्ती से मना किया गया था लेकिन आज तो अपने भाई के 'वैवाहिक सालगिरह' के समारोह में  उसको हर हाल में जाना था। उसने इसकी  पहले से सब तैयारी कर रखी थी। उसे क्या पहनना है? रजत क्या पहनेगा? इस बारे में वह बडी उत्सुक थी । भाई के लिए महंगे से महंगे उपहार भी खरीद लिये  थे। बिना मेहनत की कमाई हुई धन-दौलत से खुशियां खरीदने का जब कोई अभ्यस्त हो जाता हैं तब उसका ज्ञान व विवेक मर जाता है। कामिनी भी अपने मायके में अपनी शान-शौकत का दिखावा करने हेतु अति उत्साहित थी।

         रजत को आफिस से आने में देर होती जा रही थी। घडी़ की सुई के साथ-साथ कामिनी का पारा भी बढ़ता जा रहा था। उसके चेहरे पर  क्रोध व चिंता के लक्षण एक साथ दिखने लगे थे।  वह कितनी बार रजत को फोन कर चुकी थी लेकिन फोन मिल कर ही नहीं दे रहा था। कुछ देर बाद फोन भी बंद जाने लगा। अब तो कामिनी की परेशानी और अधिक बढ़ गई। वह कुछ समझ नहीं पा रही थी कि क्या किया जाय।

         वह बार-बार दरवाजे और खिडकिंयों में झांकती कभी बैठ कर फोन लगाने की कोशिश करती । अचानक उसके मोबाइल की घंटी बजी। उसने तेज कदमों से जाकर डाइनिंग टेबिल पर रखा अपना फोन उठाया। 

... हेलो। दूसरी तरफ से एक कड़कदार आवाज आई।

....आप रजत की पत्नी बोल रहीं है क्या? वह लडखडाती हुए बोली ... हां..आप कौन? ....देखिये मैं पुलिस आफीसर बोल रहा हूं। हमने अभी-अभी आपके पति रजत को 50000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों  गिरफ्तार किया है...... यह सुनते ही उसके हाथ से मोबाइल छूट कर गिर पडा।एक झटके में कामिनी औंधे मुंह फर्श पर आ गई-

                     

✍️ धनसिंह 'धनेन्द्र '

श्रीकृष्ण कालोनी, चन्द्र नगर,

मुरादाबाद244001

उत्तर प्रदेश, भारत

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