बुधवार, 17 अगस्त 2022

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति की ओर से 14 अगस्त 2022 को काव्य गोष्ठी का आयोजन

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति की ओर से विश्नोई धर्मशाला लाइनपार में काव्य गोष्ठी का आयोजन  किया गया । अध्यक्षता करते हुए रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ ने रचना ...एक पल होता सुनहला का पाठ किया । मुख्य अतिथि रामदत्त द्विवेदी ने कहा ---आयो 15अगस्त हमार, जाने सगरी नगरी।

 विशिष्ट  अतिथि के रूप में ओंकार सिंह "ओंकार" ने कहा--- 

तीन रंगों से  है  रंगा, दिया तिरंगा नाम।

झंडा हिंदुस्तान का अद्भुत इसके काम।।


  ्गे्न्द्र्पा्ल्गे्न्द्र्प्गे्गे्न््गे्न्द्र्पा्ल्गे्न्द्र्प्गे् रख दी है,

इसमें बड़े गुरूर से।और बहु ने वन्देमातरम लिक्खा है सिंन्दूर से।

 *अशोक विद्रोही* ने कहा 

तिरंगा शान से यूं ही, 

सदा सरहद पे लहराए, 

वतन के वास्ते जी लें

वतन पे ही ये जां जाए ।

* राम दत्त द्विवेदी *


*के.पी सरल*

प्रथम नागरिक नारी काअपमान नहीं सह पायेगे।

ऐसा करने वाले खुद ही मिट्टी में मिल जायेंगे ।

*रामेश्वर प्रसाद वशिष्ट*- ने कहा एक पल होता सुनहला

* ओंकार सिंह ,ओंकार,


*डॉ मनोज रस्तोगी*-

खा कर अन्न यहां का, 

गीत औरों का गाना आता है। नहीं लिखते हम भविष्य की सुनहरी  इबारत इतिहास के पन्नों को ही हम दुहराते हैं। 

* वीरेंद्र सिंह बृजवासी*ने पढ़ा 

मत व्यर्थ बहाओ तुम आंसू बेटा मेरा बलिदानी है ।

मजहब से क्या लेना-देना वह सच्चा हिन्दुस्तानी है ।

* राजीव प्रखर*

मेरे भारत को सदा, ऐसी मिले उमंग।

मन के भीतर भी खिलें, ध्वज के सारे रंग।।

आज़ादी हमको मिली, बड़े जतन के बाद।

पावन उत्सव प्रेम से,  दिला रहा है याद।।

*मनोज वर्मा 'मनु'ने कहा- 

शब्द नहीं एक भाव है आजादी की बात ,स्वाभिमान की राष्ट्र को मिलने दें सौगात* 

उच्च प्रगति को प्राप्त कर,

गढ़िये नव प्रतिमान।

विश्व गुरु फिर से बने,

मेरा देश महान।

*प्रशांत मिश्र*ने कहा शत्रु हृदय प्रति सांस

भारत मां की जयकार करें

आओ! सिंहनाद करें।

 *शुभम् कश्यप*ने कहा 

बड़े बड़ों से अच्छा बयान मेरा है।

है मेरे बाप का, हिन्दुस्तान मेरा है।।


 गोष्ठी में सभी ने एक से बढ़कर एक काव्य पाठ किया प्रसंशा में खूब तालियां बटोरी।

राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति के संरक्षक रामेश्वर प्रसाद बशिष्ठ योगेंद्र पाल विश्नोई  द्वारा आभार अभिव्यक्ति के बाद काव्य गोष्ठी विश्राम पर पहुंची।


*अशोक विद्रोही 

*अध्यक्ष*

*राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति मुरादाबाद*

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