आजादी के अमृत महोत्सव के सुअवसर पर, कला, संस्कृति एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था, "संस्कार भारती" की मुरादाबाद महानगर शाखा द्वारा शनिवार 13 अगस्त 2022 को काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
साहित्य विधा प्रमुख हेमा तिवारी भट्ट के संयोजन में विवेक निर्मल जी के निवास पर आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ. काव्य सौरभ रस्तोगी एवं संचालन आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने किया। मां सरस्वती वंदना फक्कड़ मुरादाबादी ने प्रस्तुत की।
मुख्य अतिथि डॉ पूनम बंसल ने मुक्तक प्रस्तुत करते हुए कहा-----
तिरंगा जान है अपनी तिरंगा शान है अपनी
गगन से कर रहा बातें यही पहचान है अपनी
इसी के शौर्य की गाथा महकती है फिजाओं में
सजी इन तीन रंगों में मधुर मुस्कान है अपनी
विशिष्ट अतिथि वीरेंद्र सिंह ब्रजवासी जी का स्वर था -----
भारत मां को आओ हम सब
मिलकर नमन करें
इसे सजाने का तन मन से
पावन जतन करें
फक्कड़ मुरादाबादी का कहना था ------
पूछा यूँ परीक्षा में प्राणों का पर्याय लिखो
हमने कलम लहू में रंग कर प्यारा हिंदुस्तान लिखा
डॉ मनोज रस्तोगी ने कहा ------
खाकर यहां का अन्न
गीत औरों का गाना आता है
नहीं लिखते हम
भविष्य की सुनहरी इबारत
इतिहास के काले पन्नों को ही दोहराते हैं
विवेक निर्मल ने सुनाया ------
दिन ही ऐसा है मनाएंगे इसे नाज के साथ
तुम भी आवाज मिलाना मेरी आवाज के साथ
मयंक शर्मा ने कहा ----
गोरी सेना को हुंकारों से दहलाने वाले थे
दाग गुलामी वाला अपने खून से धोने वाले थे
उनको कौन डरा सकता था आजादी की खातिर जो
संगीनों के आगे अपनी छाती रखने वाले थे
हेमा तिवारी भट्ट ने कहा -----
आजाद थे आजाद हैं आजाद रहेंगे
हम देश के शहीद जिंदाबाद रहेंगे
प्रशांत मिश्रा ने कहा -----
जब सत्ता के लालच में
इमरजेंसी लगाई जाती है
आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने कहा -----
अपने ही हाथों स्वाहा न कर
तू अपनी कहानी
देश और समाज पर
न्योछावर हो छोड़ जा तू
इतिहास के पन्नो पर
अपनी स्वर्णिम निशानी
शलभ गुप्ता ने कहा ------
महामारी का असर है अब भी,
लोग कैसे बेपरवाह होने लगे हैं।
बेटे जाकर बस गए विदेश में,
मां बाप जल्दी बूढ़े होने लगे हैं
कार्यक्रम में डॉ राकेश जैसवाल, सविता गुप्ता, दीपक कुमार भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर मयंक शर्मा ने स्मृतिशेष डॉ विश्व अवतार जैमिनी जी के गीतों का सस्वर पाठ भी किया ।
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