बंदर बोला बंदरिया से कहो आज क्या खाना है
मटर उड़ाऊँ किसी के घर से या फिर के लालाना है
बोली बंदरिया क्यूं फल और सवजी से बहलाते हो
रानी पहने जो लहँगा वो क्यों नहीं लेकर आते हो ।
*2*
भैया तुम राखी बंधवाकर पैसे मुझको मत देना
मेरी गुड़िया रोती है तुम टॉफी उसको दे देना
मेरी गुड़िया की शादी में खूब नाचना जी भर के
पैसे उस पर खूब लुटाना तुम न्यौछावर करकर के |
*3*
चुन्नू कहता मुझको भी चन्दा के घर जाना है
नील आर्मस्ट्रॉंग सा ड्रेस मुझे बनवाना है
बछेन्द्रीपाल सा बनना है पर्वत पर मुझको चढ़ना है
कोई न रोको कोई न टोको आगे मुझको बढ़ना है ।
*4*
जी करता है पंख लगा के नीलगगन उड़ जाऊ,,ं मैं
चंदा सूरज तारों को समझूँ और समझाऊं मैं
कभी में सोचूँ क्रिकेट खेलूँ या फिर करूँ मैं मस्ती खूब
कभी मैं सोचूँ करूँ पढ़ाई या ले रजाई सो जाऊँ मैं ।
*5*
फूल और तितली न दिखलाओ, कहानी से न बहलाओ
मुझको भूख लगी है मम्मी, थोड़ा खाना लेकर आओ
छोटू को भी नहीं मालूम, ये लॉकडाउन क्या होता है
जल्दी उसको दूध मंगा दो, भूख के मारे रोता है
टीचर कहती फोन पे .चीजें भेजी पढ़ने वाली हैं
वो क्या जाने फोन भी मेरे पेट के जैसा खाली है
मेरे दोस्त भी फोन से कभी नहीं पढ़ पाते हैं
क्योंकि उनका फोन तो पापा और भाई ले जाते हैं
कोई विद्यालय खुलवाओ, हमको सबसे फिर मिलवाओ
मिड डेमिल से फिर खाना पेटभर खायेंगे
सबके साथ खेलेंगे और पढ़कर दिखलायेंगे।
✍️ विनीता चौरसिया
169 कटिया टोला,
शाहजहाँपुर
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल नम्बर 8419037273
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