मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था “हिन्दी साहित्य सदन “ के तत्वावधान में आज़ादी के अमृत महोत्सव पर शनिवार 13 अगस्त 2022 को "अमृत स्वर"(कवि गोष्ठी) का आयोजन श्रीराम विहार कालोनी, कचहरी परिसर स्थित डॉ. अजय अनुपम जी के आवास पर किया गया जिसकी अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पर्यावरणविद के.के. गुप्ता ने कहा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। पूरी दुनिया में भारत शक्तिशाली और समृद्ध देश के रूप में उदय हुआ है यह हमारे लिए गर्व की बात है। सरस्वती वंदना कवि राजीव प्रखर ने प्रस्तुत की तथा संचालन योगेन्द्र वर्मा व्योम ने किया।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. कृष्ण कुमार नाज़ ने गजल सुनाई-
एक मछली जो मर्तबान में है
कोई दरिया भी उसके ध्यान में है
बादलों ने लिखी है नज़्म कोई
यह जो तस्वीर आसमान में है
विशिष्ट अतिथि के रूप में कवयित्री निवेदिता सक्सेना ने रचना सुनाई-
विजय है तुम्हारी विजय है
जो कर्तव्य पथ पर चले पग संभल कर
सफलता निःसंदेह तय है
विजय है तुम्हारी विजय है
वरिष्ठ कवि डॉ. अजय अनुपम ने मुक्तक सुनाया-
हमारी चाह में जिसकी लगन है/
हमारे देश में जिसकी अगन है/
अमृत मन से मनाते हैं महोत्सव/
हृदय से इस तिरंगे को नमन है
नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम ने मुक्तक सुनाया-
व्यर्थ आपस में क्यों हम हमेशा लड़ें
भेंट षडयंत्र की क्यों सदा हम चढ़ें
छोड़कर नफ़रतें प्यार की राह पर
दो क़दम तुम बढ़ो, दो क़दम हम बढ़ें
कवि राजीव प्रखर ने पढ़ा-
पंछी दड़बे में पड़ा, होकर बस हैरान
भीतर से ही सुन रहा, आजादी का गान
आयोजक डॉ कौशल कुमारी ने आभार अभिव्यक्त किया।
:::::::प्रस्तुति::::::
डॉ अजय अनुपम
प्रबंधक-'हिन्दी साहित्य सदन'
मोबाइल- 9761302577
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