सोमवार, 15 अगस्त 2022

मुरादाबाद के साहित्यकार मनोज मनु के अठारह दोहे .......

 


कैसे आजादी मिली, कैसे हिन्दुस्तान

 कितने वीरों ने दिये, इस पर तन मन प्राण ।।1।।


सोचें तो मन हूंकता, जब जब करें विचार 

वीरों ने कैसे सहे, तन पर सतत् प्रहार ।।2।।


खुद अपने ही खून से, कैसे सींचा बाग़ 

 कैसे अपनी मृत्यु को, बना लिया सौभाग ।।3।।


गोली, फाँसी, सिसकियां, जेलें, कोडे़, मात 

क्या क्या मुश्किल की वरण, कितनी झेलीं घात ।।4।।


तोपें,चाबुक, हथकड़ी, तन मसला बारूद

डिगा सका ना लक्ष्य से, थामे रखा वजूद ।।5।।


तनिक नहीं परवाह की, गये स्वयं को भूल

इस स्वतन्त्रता के लिये, सब कुछ किया कबूल ।।6।।


भीषण संघर्षो सहित, जब पाया यह मान 

इक चिंगारी फिर उठी, झुलसा हिन्दुस्तान ।।7।।


बोए बीज बबूल के सिखा गया तकरार

 ज़ालिम एक परिवार मे, उठा गया दीवार ।।8।।


बस मज़हब के नाम पर, फिर झेला संग्राम 

वो भाई खुद भिड़ गये, हुआ बुरा परिणाम ।।9।।


जिस आज़ादी के लिये, सहे घोर संघर्ष 

अपनी लाशों संग मिली, कैसे होता हर्ष ।।10।।


भाई को हिस्सा दिया, और दिया तिरपाल 

रीते मन से दी दुआ, रहे सदा खुशहाल ।।11।।


और फिर सत्ता मिल गयी, खूब संभाला राज 

आज़ादी के मोल का, इतना किया लिहाज ।।12।।


एक बरस में दे दिये, इस खातिर दिन चार 

हम ..और बड़बोले बन गये, बदल लिया व्यवहार ।।13।।


आज़ादी के मायने बदल गये फिर आप

 जब चाहे दिल ..खींच लो, टाँग किसी की आप ।।14 ।।


मुंह में जो आता रहे, पहले दीने बोल 

आज़ादी है भाईयों, करनी कैसी तोल ।।15।।


राजनीति में फिर चला, ऐसा नंगा नाच 

आज़ादी लज्जित हुई, कौन सके ये बाँच।।16।।


उन बलिदानी आस को, होने दें साकार

 क्यों हम लज्जित हो रहे, करिये गहन विचार ।।17।।


नहीं न ऐसा कीजिये, गढ़िये नव प्रतिमान 

विश्व गुरू फिर से बने, मेरा देश महान ।।18 ।।


✍️ मनोज मनु 

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत


8 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरुवार 18 अगस्त, 2022 को    "हे मनमोहन देश में, फिर से लो अवतार"  (चर्चा अंक-4525)
       
    पर भी होगी।
    --
    कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  

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  2. राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए वीर शहीदों के बलिदान को समर्पित इस दोहा रचना को अपने ब्लॉग से प्रकाशित करने के लिए आपका आभार एवं धन्यवाद

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  3. अति सुन्दर दोहे कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं

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  4. मन को छूता सराहनीय सृजन।
    सादर

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