लखनऊ की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था सर्वजन हिताय साहित्यिक समिति की ओर से रविवार नौ अक्टूबर 2022 को लखनऊ में हज़रतगंज स्थित प्रेस क्लब सभागार में आयोजित भव्य सारस्वत सम्मान समारोह में प्रख्यात साहित्यकार माहेश्वर तिवारी को वर्ष 2020 का 'डॉ. अम्बिका प्रसाद गुप्त स्मृति सम्मान' प्रदान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं विचारक प्रोफेसर सूर्य प्रसाद दीक्षित, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. विश्वम्भर शुक्ल, नवगीतकार वीरेंद्र आस्तिक तथा संस्था के उपाध्यक्ष जगमोहन नाथ कपूर सरस, रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी प्रलयंकर, राकेश बाजपेई के कर कमलों से समारोह के मुख्य अतिथि नवगीतकार माहेश्वर तिवारी को अंगवस्त्र, मानपत्र, प्रतीक चिह्न एवं सम्मान राशि भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के संस्थापक व संयोजक राजेन्द्र शुक्ल राज ने किया। कार्यक्रम में सम्मानित माहेश्वर तिवारी ने अपने नवगीत पढ़े-
"एक तुम्हारा होना क्या से क्या कर देता है
बेज़ुबान छत दीवारों को घर कर देता है
आरोहों अवरोहों से बतियाने लगती हैं
तुमसे जुड़कर चीज़ें भी बतियाने लगती हैं
एक तुम्हारा होना अपनापन भर देता है"।
इस अवसर पर लखनऊ के स्थानीय कवियों शिव भजन कमलेश, डॉ रंजना गुप्ता, सोम दीक्षित, अम्बरीष मिश्र आदि अनेक कवियों ने कविता पाठ किया।
श्री माहेश्वर तिवारी को लखनऊ में डॉ. अम्बिका प्रसाद गुप्त स्मृति सम्मान से सम्मानित किए जाने पर मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था अक्षरा, हस्ताक्षर एवं मुरादाबाद लिटरेरी क्लब की ओर से डॉ. अजय अनुपम, डॉ. मक्खन मुरादाबादी, डॉ. कृष्ण कुमार नाज़, योगेन्द्र वर्मा 'व्योम', ज़िया ज़मीर, राजीव प्रखर, हेमा तिवारी, डॉ. पूनम बंसल, डॉ. प्रेमवती उपाध्याय, डॉ. मनोज रस्तोगी, मनोज मनु, मयंक शर्मा, फरहत अली, राहुल शर्मा आदि ने बधाई दी।
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योगेन्द्र वर्मा 'व्योम'
संयोजक- अक्षरा, मुरादाबाद
मोबाइल-9412805981
बहुत प्रसन्नता हुई..दादा को सादर प्रणाम.🙏
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