रविवार, 23 अक्टूबर 2022

मुरादाबाद मंडल के जनपद संभल निवासी साहित्यकार अतुल कुमार शर्मा की रचना ....एक दीपक मन में जला लो


एक दीपक मन में जला लो।

परम ज्योति उससे जगा लो।।

जो अंधज्ञान को मिटा दे,

ईर्ष्या का तम घटा दे,

जो दूसरों को प्रकाश दे,

निराशा को भी आस दे,

पाप की गगरी को चटका दे,

निशा का पथ भी भटका दे,

मन को पुण्य की राह चला लो,

एक दीपक मन में जला लो।‌।

माना आज सूरज भी शरमा जाए,

शरद मौसम भी दीपों से गर्मा जाए,

घना अंधेरा कहीं छिप न पाए,

परछाईं भी न परछाईं बनाए,

यह पर्व सदा जग रोशन कर जाए,

हममें भरपूर ज्ञान भर जाए,

रीति एक प्रीत की,ऐसी चला लो,

एक दीपक मन में जला लो।।

जो बुराई का दहन कर सके,

मन,सत्य को सहन कर सके,

जो धोखेबाजी का दफन कर सके,

कुनीति का कफन बन सके,

दया-धर्म का वक्ष बन सके,

अद्भुत प्रेम की ज्योति जला लो,

एक दीपक मन में जला लो।।

माना यह दीपक जलाए तुमने,

गली-मोहल्ले जगमगाए तुमने,

सोचो क्या नया किया तुमने?

क्या गिरते को सहारा दिया तुमने?

क्या गरीब की कुटिया को निहारा तुमने ?

क्या फैलाया उसमें उजियारा तुमने ?

आज कर किसी का भला लो,

एक दीपक मन में जला लो।

परम ज्योति उससे जगा लो।।


✍️ अतुल कुमार शर्मा

 सम्भल 

उत्तर प्रदेश, भारत



1 टिप्पणी:

  1. साहित्य शिल्पी श्री मनोज रस्तोगी जी को बहुत बहुत शुभकामनाएं। मां सरस्वती की कृपा आप पर बनी रहे।

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