मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम की ओर से रविवार दो अक्तूबर को मिलन विहार में एक काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कवयित्री मीनाक्षी ठाकुर द्वारा प्रस्तुत माॅं सरस्वती की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार रामदत्त द्विवेदी ने कहा -
वृद्धजनों की ऑंखों से यदि,
जिस दिन भी ऑंसू आ जायें।
धर्म तुम्हारा भी उस दिन ही,
उस ऑंसू के सॅंग बह जाये।
मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ रचनाकार ओंकार सिंह ओंकार ने अपनी ग़ज़ल से सभी को आह्लादित किया -
प्यार का संसार में विस्तार होना चाहिए।
नफ़रतों का बंद कारोबार होना चाहिए।।
सत्य जीवन का सदा आधार होना चाहिए।
झूठ का टिकना यहाॅं दुश्वार होना चाहिए।।
विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मनोज रस्तोगी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में गीत प्रस्तुत करते हुए कहा -
उड़ रही गंध ताजे खून की,
बरसा रहा जहर मानसून भी,
घुटता है दम अब,
बारूदी झोंको के बीच
गोष्ठी का संचालन करते हुए राजीव प्रखर ने कहा -
चुप्पी साधे देख रहे क्यों,
कंसों की मनमानी।
हे गोविंदा, फिर कर जाओ,
थोड़ी सी शैतानी।
सुप्रसिद्ध नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम ने अपनी दोहों से वर्तमान परिस्थितियों को जीवंत कर दिया -
बदल रामलीला गई, बदल गए एहसास।
'राम' आजकल दे रहे, 'दशरथ' को वनवास।।
ना पहले-से हैं 'भरत', ना पहले से 'राम'।
स्वार्थसिद्धि में हो गया, अपनापन नीलाम।।
कवि नकुल त्यागी ने भी सभी को सोचने पर बाध्य किया -
परिस्थितियां विपरीत हो और युक्ति न चले कोई , सभी नेताओं का हथियार है गांधी।
कवयित्री मीनाक्षी ठाकुर ने नवगीत प्रस्तुत हुए कहा -
महॅंगाई ने जबसे पहनी,
अच्छे दिन की अचकन।
ठंडा चूल्हा, चौके की बस,
करता रहा समीक्षा।
कंगाली में गीला आटा,
लेता रहा परीक्षा।
कवयित्री इन्दु रानी की अभिव्यक्ति इस प्रकार रही -
ध्यान सिया, मन मात हैं, करते प्रभु आह्वान।
रावण के संहार का, दो माते वरदान।।
कवि जितेन्द्र जौली ने हास्य रस की फुहार छोड़ते हुए कहा -
सब रहते हैं मुझसे परेशान जाने क्यों।
लोग कहते हैं मुझको शैतान जाने क्यों।।
अरे! एक मच्छर ही तो मारा था मैंने,
पड़ गया नाम मेरा पहलवान जाने क्यों।।
युवा कवि प्रशांत मिश्र की अभिव्यक्ति कुछ इस प्रकार रही -
जिसकी रिक्शा से स्कूल गए, वो छोटी जाति का हो जाता है।
इस अवसर पर रूपचंद मित्तल ने मधुर कण्ठ से रामचरितमानस की चौपाईयों का पाठ किया। रामदत्त द्विवेदी ने आभार-अभिव्यक्त किया।
:::::प्रस्तुति:::::
राजीव 'प्रखर'
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
सभी साथियों का हार्दिक आभार।
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