सोमवार, 22 फ़रवरी 2021

मुरादाबाद की संस्था कला भारती के तत्वावधान में 21 फरवरी 2021 को साहित्य समागम कार्यक्रम का आयोजन-----

 मुरादाबाद की संस्था कला भारती के तत्वावधान में रविवार 21 फरवरी 2021 को साहित्य समागम कार्यक्रम का आयोजन मानसरोवर कन्या इंटर कॉलेज में किया गया जिसका विषय  ज्ञान की देवी मां सरस्वती की वंदना रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराजा  हरिश्चंद्र  डिग्री कॉलेज की प्राचार्य डॉ मीना कौल ने की । मुख्य अतिथि कला भारती  के महामंत्री बाबा संजीव  आकांक्षी रहे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में हेमा तिवारी भट्ट मौजूद रही । कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष माल्यार्पण के साथ किया गया । 

इस अवसर पर मयंक शर्मा ने पढ़ा कि :-

विनयशील, सद्भाव, यश गान दो मां

 खड़े हैं विनीत शीश वरदान दो मां 

योगेंद्र वर्मा व्योम ने पढ़ा कि:-

हटा कुहासा मौन का निखरा मन का रूप 

रिश्तों मैं जब खिल उठी अपनेपन की धूप 

राजीव प्रखर ने  कहा  कि:-

ज्ञान स्त्रोत मां वीणापाणि

 तुमसे  संचालित जग सारा

 दिव्य स्वरूपों में तुमने ही

 हमको है हर तम से तारा 

डॉ मनोज रस्तोगी ने कहा कि :-

स्वाभिमान भी रख गिरवी

 नागों के हाथ 

भेड़ियों के सम्मुख

 टिका दिया माथ

 ईशांत शर्मा ईशु ने कहा कि :-

जीवन को खुशियों से सजा दो मां शारदे मां 

 धरती से तुम अंधेरा मिटा दो हे शारदे मां 

आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने  कहा कि:-

  मां शारदे मां शारदे मां शारदे 

अज्ञानता के भंवर से  मां हमें उबार  दें

अशोक विश्नोई की रचना का पाठ करते हुए आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने कहा कि:- 

मां शारदे मां शारदे 

ज्ञान का भंडार दे 

हमको तम ने है छला

 दिव्य ज्योति तू जला

 नव पथ  संसार दे 

हेमा तिवारी भट्ट ने कहा कि :-

श्वेतांबरा मां करे वीणा ज्ञान का आधार हो

 मरालवाहिनी अम्ब मेरी दिव्य तुम अवतार हो 

बाबा संजीव आकांक्षी ने पढ़ा कि :

बुद्धि हो शुद्ध अंतःकरण निर्मल हो

 विचारों की नदियां में शीतल जल कल- कल हो 

डॉ मीना कौल ने पढ़ा कि: 

अनुपम वाणी अद्भुत काम प्रज्ञा दायिनी तुझे प्रणाम प्रीतम सौंदर्य नयनाभिराम श्रद्धा दायिनी तुम्हें प्रणाम

 इस अवसर पर उपस्थित सभी कवियों ने स्वर ज्ञान विद्या की देवी मां सरस्वती को नमन किया और ऐसे कार्यक्रमों को भविष्य के लिए भी उपयोगी बताया ।कार्यक्रम का संचालन आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने किया।

































 ::::प्रस्तुति:::::

 आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ, मुरादाबाद

 

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