गुरुवार, 18 फ़रवरी 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार शिशुपाल मधुकर की ग़ज़ल ---झूठ गर सच के सांचे में ढल जाएगा ,रोशनी को अंधेरा निगल जाएगा ....


 

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