दुनियाँ के सभी फ़र्ज़ अदा करती बेटियां,
माँ-बाप के लिए भी दुआ करतीं बेटियां,
बेटी से बड़ा कोई खज़ाना नहीं
होता,
खुशियों से ख़ज़ानेको भराकरतीं बेटियां।
भाई से बहुत प्यार किया करतीं बेटियां,
गुड़ियों का श्रृंगार किया करती बेटियां
बेटी नहीं तो कुछ भी नहीं है जहान में
दुख का कभी इज़हार नहीं करतीं बेटियां।
जग में किसी आफत नहीं डरतीं
बेटियां,
नफरत किसी रिश्ते से नहीं करतीं
बेटियां
रिश्तों को जोड़ने का हुनर जानती है ये,
दो - दो घरों के साए में खुश रहतीं बेटियां
रोटी भी थालियाँ में रखा करती बेटियां,
थोड़े में भी खुश होके रहा करतीं बेटियां,
छोटी बहन या भाईसे क्षणभर को झगड़तीं
अब मानभी जाओ ये कहा करतीं बेटियां।
चिड़ियों की तरह चहकती फिरती हैं बेटियां,
फूलों की तरह महकती फिरती हैं बेटियां,
आंगन में फुदकती हुई भाती हैं सभी को,
लेकर विदाई आँखें भरा करतीं बेटियां।
दुनियाँ के सभी फ़र्ज़----------
✍️ वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी, मुरादाबाद/उ,प्र, मोबाइल फोन नम्बर 9719275453
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