... विश्वास को जैसे ही पता लगा कि जसवन्त सिंह की तबीयत बिगड़ती ही
जा रही है वह तुरंत ही उनसे मिलने पहुंच गया जसवंत सिंह को अक्सीजन लगी थी आंखें खुली हुई थी प्रणाम का उन्होंने इशारों से ही प्रत्युत्तर दिया । बहुत कोशिश करने के बाद भी कंठ से कोई आवाज नहीं निकल पायी ।
..... उन्होंने हाथ जोड़े और दो आंसू उनकी आंखों से ढुलक पड़े.. मानो कह रहे हों.... मुझसे जीवन में जो भी गलतियां हो गई हैं ....कृपया अब उन्हें क्षमा कर देना .....
हम छोटी-छोटी बातों पर लड़ते रहते हैं परंतु जब यमराज लेने आते हैं और जिन्दगी अपना दामन समेटती है तो बोलने का मौका भी छीन लेती है।
.........बहुत सारी अनकही बातें उनकी आंखों और चेहरे के हाव भाव से सुनी और समझी जा सकती थीं ...........भगवान ने उनकी जुबान से आवाज को छीन कर आंखों की और चेहरे के हाव-भाव की भाषा ही दे दी......थी............ दुखद स्थिति में थोड़ी संवेदनशीलता अंतिम समय के लिए बचा कर रखनी ही चाहिए ..... थोड़ी देर पास बैठकर विश्वास घर के नंबर पर लोड करना
........ विश्वास के मस्तिष्क वही सारी बातें घूम रही थी रोजमर्रा की जीवन ..की।
...... मंदिर में आने पर आरती के बाद ₹1 का सिक्का जसवंत सिंह जी जोर से गिराते थे ......जसवन्त सिंह पर इसका कोई भी असर नहीं होता था कि लोग क्या कहेंगे मैंने सिक्का गिरा दिया....बस!
उन्होंने इशारों में कहां मझे माफ कर देना.....
भगवान जिसकी आवाज छीन लेते हैं उन्हें दूसरी शक्ति दे देते हैं ! चेहरे के हाव-भाव और आंखों की भाव भंगिमा यही सब दिखा रहा था..
जीवन भर हर कोई सोचता रहता हैं कि पता नहीं जीवन कितना लंबा है परंतु जब उम्र पूरी हो जाती है तो फिर आदमी कुछ भी साथ नहीं लेजा पाता.....
विश्वास ने बहुत बार कहा था अंकल जी थोड़ा धर्म-कर्म में खर्च कर दिया करो ! जसवंत सिंह ने कभी भी यह नहीं सोचा कि दुनिया से जाना भी है।
आज जसवंत सिंह का अंतिम समय आ गया था उन्होंने जीवन में दो तीन मकान बनाए बाग खरीदें पर मोह कभी नहीं त्याग पाए...... कभी किसी के मरने में शामिल नहीं हुए ।
विश्वास के पास आधे घंटे बाद फोन आया अंतिम संस्कार के लिए 4 लोग भी नहीं इकट्ठे हो पा रहे हैं....!.... लोगों को बुलाइए जिससे अंतिम यात्रा शुरू हो सके....
....... आज विश्वास को अपने ही शब्द याद आ रहे थे जो उसने बहुत बार जसवंत सिंह जी से गए थे........
...कर्म करले अच्छे जग में,
वर्ना फिर पछताएगा!
इस धरा का ,इस धरा पर,
सब धरा रह जाएगा।।
✍️ अशोक विद्रोही
412 प्रकाश नगर, मुरादाबाद 244001
मोबाइल फोन नम्बर 82 18825 541
अच्छी कहानी।
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