सभी कुछ मुफ्त लीजिये।
बस हमें वोट दीजिए।।
कहीं साड़ी का लालच, कहीं चावल खैराती।
मुफ्त लो बिजली- पानी, कहीं पैसे अनुपाती ।।
मुफ्त में है मोबाइल, लपक कर जल्द लीजिये।
बस हमें वोट दीजिए ।।
मिल रहा लैपटॉप भी, साइकिल भी बटती है।
मिल रही केवल उसको, जहां जिसकी पटती है।।
साथ में मुफ्ती राशन, बढ़ा कर हाथ लीजिये।।
बस हमें वोट दीजिए ।।
कर्ज माफी का शोषा, किसानों को भी धोखा।
लगे न हरड़ फिटकरी, है धंधा कितना चोखा ?
बढ़ा कर फिर मंहगाई, चौगुना चूस लीजिये।।
बस हमें वोट दीजिए ।।
सभी महिलाओं को भी, बसों में मुफ्त सफर है।
मिलेगा मासिक भत्ता, यही बस बची कसर है।।
संस्था सब सरकारी, इस तरह लूट लीजिये।।
बस हमें वोट दीजिए ।।
धता हमको बतलादी, नया अध्याय जोड़ कर ।
मुनादी भी पिटवादी, कान उसके मरोड़कर ।।
यही तो राजनीति है, ठीक से समझ लीजिए।।
बस हमें वोट दीजिए ।।
लूट हर ओर मची है, यह कैसी डैमोक्रेसी ?
जहाँ जनता के द्वारा, स्वयं की ऐसी तैसी।।
मियां का ही जूता है, मियां की चांद लीजिये।।
बस हमें वोट दीजिए ।।
✍️ सन्तोष कुमार शुक्ल "सन्त"
ग्राम-झुनैया, तहसील - मिलक,
जनपद - रामपुर
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल : 9560697045
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