बुधवार, 20 जनवरी 2021

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ प्रीति हुंकार की लघुकथा ............ कटाक्ष

     


"कितनी शर्म की बात है कि कोई शादीशुदा महिला किराए के मकान में पति से अलग रहे ,,शर्मा जी ने त्योरी चढ़ा कर पड़ोसी गुप्ता जी पर व्यंग्य किया।"हाँ,लेकिन किसी पढ़ीलिखी वर्किंग   महिला को रात के एक बजे लातों घूसों से पिटने की आवाज सुनके जब लोग अपने को सम्मानित समझते हैं ,तब उनकी नाक क्यों नहीं कटती ?"वालकनी में खड़ी गुप्ता जी की पुत्रवधू ने कटाक्ष करते हुए जबाव दिया ।

✍️ डॉ प्रीति हुंकार, मुरादाबाद

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