शुक्रवार, 1 जनवरी 2021

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ शोभना कौशिक की रचना ---आने वाले नए साल का , इम्तेहान अभी बाकी है


अलविदा हुआ दो हजार बीस।

कुछ खट्टी -मीठी यादें दे कर ।

कुछ उलझी -सुलझी सी बातें दे कर ।

कुछ नया हुआ या नही हुआ ।

लॉकडाउन तो एकदम नया हुआ ।

अनुभव दे गया हजारो ऐसे ।

जिनसे सीखने को मिला नया ।

जीना सीखा गया हर परिस्थिति में।

चाहे घर में हो या बाहर हो ।

समय कभी भी बदल सकता है ।

कुल मिला कर बता गया ।

कुछ अपने -पराये दूर हुए , तो 

कुछ दूर हो कर पास आये ।

गिले-शिकवे सभी भुला कर ,

कोरोना काल ने मिला दिया ।

जाते -जाते बता गया ,कि 

जंग अभी बाकी है ।

आने वाले नए साल का ,

इम्तेहान अभी बाकी है ।

✍️ शोभना कौशिक, मुरादाबाद

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