विश्व हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार 9 जनवरी 2020 को महाराजा हरिश्चंद्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय मुरादाबाद में आयोजित समारोह में मुरादाबाद के वयोवृद्ध बाल साहित्यकार शिव अवतार रस्तोगी 'सरस' की कृति 'सरस बाल बूझ पहेलियों" का लोकार्पण किया गया ।
दीप प्रज्ज्वलन एवं डॉ कामिनी शर्मा द्वारा प्रस्तुत मां सरस्वती वंदना के उपरांत डॉ मुकेश गुप्ता के संचालन में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ विश्व अवतार जैमिनी ने कहा कि श्री सरस जी ने सूक्ष्मतर विषयों को अपनाकर अपनी पैनी दृष्टि से उनके गुणों, कर्म एवं धर्म के आधार पर ऐसी दुर्गम किंतु सहज बोधकारी पहेलियों की रचना की है जिन्हें सुनकर कभी आह और कभी वाह की अभिव्यक्ति स्वतः होने लगती है।
मुख्य अतिथि के रुप में हिंदू महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य डॉ रामानंद शर्मा ने कहा कि श्री सरस जी की पहेलियों में बाल मनोविज्ञान के दर्शन होते हैं। मुख्य वक्ता प्रख्यात साहित्यकार डॉ राकेश चक्र ने कहा कि कृति में प्रकाशित पहेलियां बच्चों के मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञानार्जन में भी सहायक हैं। संयोजक वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ मनोज रस्तोगी ने हिंदी बाल साहित्य में मुरादाबाद के साहित्यकारों के योगदान एवं परंपरा पर विस्तृत प्रकाश डाला। साहित्यकार अशोक विश्नोई ने श्री सरस के कृतित्व के संदर्भ में जानकारी दी। युवा साहित्यकार राजीव प्रखर और गोविंद नोन्याल ने श्री सरस के व्यक्तित्व को अनुकरणीय बताया। अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय के प्रबंधक डॉ काव्य सौरभ रस्तोगी ने किया। उन्होंने कहा कि बाल साहित्य के क्षेत्र में श्री सरस ने जो उल्लेखनीय योगदान दिया है उसे विस्मृत नहीं किया जा सकता।
लोकार्पित कृति का परिचय प्रस्तुत करते हुए रचनाकार शिव अवतार रस्तोगी सरस ने कहा कि इस कृति में 185 पहेलियां हैं जिसमें 'शिक्षण शास्त्र' की मान्यता के अनुरूप भाषा की दृष्टि से ' सरल से कठिन' की ओर बढ़ने का प्रयास किया गया है ।
आभार व्यक्त करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ मीना कौल ने कहा कि बाल साहित्य लेखन अत्यंत दुष्कर कार्य है। इसके लिए बाल मनोविज्ञान में पारंगत होना अति आवश्यक है।
समारोह में डॉ प्रियंका गुप्ता, मनीष भट्ट, डॉ अय्यूब, अर्जुन सिंह, डॉ अजीत कुमार , डॉ दुर्गा प्रसाद पांडेय, जितेंद्र सिंह, डॉ मुकेश मोहन आदि उपस्थित रहे ।
सुंदर आयोजन। श्रद्धेय सरस जी की सक्रियता व उदाहरण सभी के लिये एक अनुकरणीय उदाहरण है।
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