अस्मिता का हिन्द की सत्कार है हिन्दी ।
एकता के सूत्र का विस्तार है हिन्दी ।।
संस्कृता,संजीविता,अपराजिता है।
मर्दिता बहु भांति पर कठ जीविता है।।
आत्म गौरव की गहन हुंकार है हिन्दी।
राष्ट्र के जयघोष की टंकार है हिन्दी।।
वन्दिता,अभिनंदिता,वाणी पुनीता।
रंजनी,दुखभंजनी,सुखदा, सुनीता।।
भक्ति की अभिव्यक्ति का उद्गार है हिन्दी।।
भावना के भाष्य का उच्चार है हिन्दी।।
संलयन,संदर्शना का उन्नयन है।
भिन्न परिवेशी स्वरों का सम्मिलन है।।
सार्वभौमिक ऐक्य का संचार है हिन्दी।
राष्ट्रवादी भावनद की धार है हिन्दी।।
आत्म का विश्वात्म मेँ शुभ संचरण है।
संस्कृति की सौम्यता का संवहन है।।
कूट सूत्रों का सरल व्यवहार है हिन्दी।
लक्ष्य के उत्कर्ष का सुविचार है हिंदी।।
वर्ण,अक्षर,नाद योजित व्याकरण है।
ज्ञान का विज्ञान सम्मत आचरण है।।
आदि कवि की कल्पना का सार है हिन्दी।
नवरस तरंगित तारिणी का तार है हिन्दी।।
आप्त ऋषियों की गिरा से निःसृता है।
है कलेवर दिव्य यह प्रांजल ऋता है।।
पूत वैदिक वाङ्गमय अनुहार है हिन्दी
स्वस्ति की संकल्पना,संस्कार है हिंदी।।
क्योँ विमाता-मोह मेँ, माता भुलाई।
क्योँ परिष्कृति ने विकृति से मात खाई।।
इस भ्रमित व्यामोह का उपचार है हिन्दी।
गर्व से उद्घोष हो,स्वीकार है हिन्दी।।
✍️ डॉ. मधु चतुर्वेदी
गजरौला गैस एजेंसी चौपला,गजरौला
जिला अमरोहा 244235
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर 9837003888
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