काल फिर जीत गया
साल एक बीत गया
आ गया साल नया
लेकर के जाल नया
अब नहीं फंसना है
मन अपना कसना है
बुद्धि को छोड़ना है
विवेक से चलना है
प्यार को लुटाना है
सबका साथ पाना है
एकता सद्भाव के
गीत हमें गाना है
प्रभु से यही प्रार्थना
हृदय से कामना
देशप्रेम से सजे
हम सबकी भावना
✍️ डॉ पुनीत कुमार
T 2/505 आकाश रेसीडेंसी
मधुबनी के पीछे
मुरादाबाद 244001
M 9837189600
बहुत सुन्दर और सारगर्भित।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष 2021 की हार्दिक शुभकामनाएँ।