हिंदी मेरी शान है, मान है, पहचान है ,
हर भारतवासी हो हिंदीभाषी, यही मेरा अरमान है।
इस धरा का कण-कण बोले, मेरी प्यारी भाषा को,
अखिल विश्व में मान पाए यह, पंख लगें इस आशा को।
अमृतपान किया मानो, हिंदी ने पाई अमरता है,
करता प्रेम हिंदी से जो, सूर्य समान चमकता है।
हिंदी-प्रेमी तारे-सितारे, मरकर अमर हो गए जो,
मातृभाषा की सेवा में, गगन छू गए सेवक वो।
लो उदाहरण कुछ सूर-तुलसी-बिहारी और मीरा का,
कबीर ,जायसी ,दिनकर और,भूषण जैसे हीरा का।
हिंदी की सेवा में ,जीवन अर्पित कर गए जो ,
पाया यश और मान इन्होंने,साहित्य समर्पित कर गए वो।
कंठ में धारै जो इस भाषा को, पाए मान वह हिंदी से,
ज्यों मान बढ़ाए सधवा का, भाल सजै ज्यों बिंदी से।
सरलता,सरसता है श्रृंगार, सादगी जिसका ताज है,
रस ,अलंकार ,आभूषण प्यारे,
मधुर वाणी जिसका राज है ।
ऐसी प्यारी हिंदी को गर, मान न हम दे पाएंगे,
तो विश्व में अपने आप को ,खुद ही ढूंढते रह जाएंगे ।
🎤✍️ अतुल कुमार शर्मा, संभल
मनोज रस्तोगी जी, आपका बहुत-बहुत आभार, एवं साधुवाद
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