रविवार, 23 मई 2021

मुरादाबाद की संस्था कला भारती की ओर से 23 मई 2021 को आयोजित काव्य गोष्ठी .....


मुरादाबाद की संस्था कला भारती की ओर से साहित्य समागम के तत्वावधान में एक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन  किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार अशोक विश्नोई ने की | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाबा संजीव आकांक्षी तथा विशिष्ट अतिथि श्रीयुत श्री कृष्ण शुक्ल रहे | कार्यक्रम का शुभारंभ राजीव प्रखर के द्वारा  मां सरस्वती की वंदना के साथ किया गया| इस अवसर पर उपस्थित साहित्यकारों  द्वारा अपनी प्रस्तुतियां दी गई प्रकार है:-

 ठाकुर अमित कुमार सिंह ने कहा कि:-

 उम्र बीत जाती है फ़िकर, हिजारत और तिजारत में, 

लगता है अब हर किरदार निभाना आ गया

 इंदु रानी ने कहा कि:- 

रोम-रोम पुलकित भैया नैनों में मधुमास

 पग देखत श्री राम के, हिय बन गयो निवास

राजीव प्रखर  ने कहा कि:-

दूरियों का इक बवंडर, जब कहानी गढ़ गया।

मैं अकेला मुश्किलों पर, तान सीना चढ़ गया।

हाल मेरा जानने को, फ़ोन जब तुमने किया,

सच कहूँ तो ख़ून मेरा, और ज़्यादा बढ़ गया।

 मुजाहिद चौधरी एडवोकेट ने कहा कि:-

 उदास है ये फिजाएं, गगन उदास है यारों|

 अजीब वक्त है मिल कर भी रो नहीं सकते||

 डॉ अर्चना गुप्ता ने पढ़ा कि :-

कोरोना से मत डरो, हिम्मत से लो काम

 करना है मिलकर हमें, इसका काम तमाम

 श्री कृष्ण शुक्ल ने पढ़ा कि:-

 मानव के कष्टों का प्रभु अब अंत करो 

त्राहि-त्राहि हर ओर मची है मंद करो.

 बाबा संजीव आकांक्षी ने कहा कि :-

हैं नरो के इंद्र ने तुमको जगाया

अब भी ना जागे तो संताप होगा.

 अशोक विश्नोई ने कहा कि :-

मानस की चौपाईया देता उत्तम ज्ञान

इनको  पढ़िएगा सदा क्यों रहते अनजान.

इस अवसर पर प्रशांत मिश्रा, मीनाक्षी ठाकुर, डॉ रीता सिंह, हेमा तिवारी भट्ट, अशोक विद्रोही, योगेंद्र वर्मा व्योम, डॉ पूनम बंसल, डॉ मनोज रस्तोगी, आदि  ने भी अपनी प्रस्तुतियों से सभी की तालियां बटोरी.

 आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ के द्वारा सभी साहित्यकारों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया एवं ईश्वर से प्रार्थना की गई कि वह शीघ्र पूरे देश को विश्व को इस कोरोना की महामारी से निजात दिलाएं एवं दिवंगत साहित्यकारों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए. 

कार्यक्रम का संचालन युवा कवि ईशांत शर्मा ईशु ने किया |

 

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