1-- है वो जोकर
हमें खूब हंसता
आँसू पीकर
2-- जाप करले
तिलक लगाकर
पाप करले
3-- न्याय मिलेगा
चप्पल घिस गई
कैसे चलेगा
4-- सत्य कहेगा
अंधो की नगरी में
कौन सुनेगा
5-- भोले चेहरे
नहीं सुनेगा कोई
सभी बहरे
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क्यों भाई------!!!
एक व्यक्ति की
स्कूटर से
हो गई टक्कर,
वह बोला
उल्लू हो क्या ?
चल नहीं सकते देखकर ।
वह बोला
जी हाँ,
मुझे दिन बहुत खलता है,
रात में ही दिखता है ।
पर
तुम तो देख रहे थे,
साइड से
क्यों नहीं चल रहे थे ।
लगता है
हम दोनों
एक ही श्रेणी में आते हैं,
तभी तो बहुत
देर से लड़े जा रहे हैं,
एक दूसरे को
उल्लू कहे जा रहे हैं ।
✍️ अशोक विश्नोई, मुरादाबाद
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भीड़ से दूरी बनाओ,
मास्क भी मुख पर धरो!
बढ़ रहा बेशक करोना,
पर न तुम इससे डरो!
तेरी हिम्मत-तेरी मेहनत,
रंग इक दिन लायेगी।
जब बहारें न रहीं तो,
यह घड़ी भी जायेगी।।
लिख इवारत आसमां पर,
जंग का ऐलां करो !
बढ़ रहा बेशक करोना,
पर न तुम इससे डरो!
तम घनेरे चीर कर ,
फिर से उजाले आयेंगे।
तीव्र रवि की रश्मियों में,
शत्रु सब जल जायेंगे।।
जो मिले हैं काम तुमको ,
खत्म सब करते चलो !
बढ़ रहा बेशक करोना,
पर न तुम इससे डरो !
है थका हारा मुसाफिर,
और थक कर चूर है ।
पांव में अनगिन हैं छाले,
चलने से मज़बूर है ।।
फिर भी हिम्मत बांध! उठ चल!,
मंजिलों की ज़िद करो !!
बढ़ रहा बेशक करोना,
पर न तुम इससे डरो!
माना मौसम है खिजां का,
और बहारें दूर हैं।
पर चमन महकेगा फिर से,
कुदरती दस्तूर है।।
वागवां हो तुम चमन के!,
सींचना न कम करो !
बढ़ रहा बेशक करोना,
पर न तुम इससे डरो !!
तेरी हस्ती को मिटा दे ,
ऐसी कोई शह नहीं ।
रब की इस दुनिया में ,
कोई तेरे जैसा है नहीं।।
बाद जाने के भी बन के,
गीत तुम गुंजा करो !!
बढ़ रहा बेशक कोरोना,
पर न तुम इससे डरो !!
✍️ अशोक विद्रोही
412 , प्रकाश नगर, मुरादाबाद, मोबाइल फोन 82 188 25 541
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मौतों का सिलसिला जारी है
व्यवस्था की कैसी लाचारी है
आप सिर्फ शोक संदेश पढ़िये
आपकी इतनी ही जिम्मेदारी है
✍️ डॉ मनोज रस्तोगी, मुरादाबाद
Sahityikmoradabad.blogspot.com
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दिलों से दूरियाँ तज कर, नये पथ पर बढ़ें मित्रो।
नया भारत बनाने को, नई गाथा गढें मित्रो।
खड़े हैं संकटों के जो, बहुत से आज भी दानव,
सजाकर शृंखला सुदृढ़, चलो उनसे लड़ें मित्रो।
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कठिन समय में भूल कर, आपस की हर रार।
आओ मिल जुल कर करें, आशा का संचार।।
चाहे गूँजे आरती, चाहे लगे अज़ान।
मिल कर बोलो प्यार से, हम हैं हिन्दुस्तान।।
राजा-पापे-सोफ़िया, और मियाँ अबरार।
चलो मनाएं प्रेम से, हम सारे त्योहार।।
मत कर इतना चाँद तू, खुद पर आज गुमान।
फिर आयेगा जीतने, तुझको हिन्दुस्तान।।
हरे-भरे वन कट रहे, सिमट रही जलधार।
मानुष सुधरो अन्यथा, प्रलय खड़ी है द्वार।।
✍️ राजीव 'प्रखर'
(मुरादाबाद)
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रुलाया है जिसने हँसायेगा वो ही
ये तक़दीर बिगड़ी बनायेगा वो ही।
भरोसा हमेशा है रहमत पे उसकी
वबा के सितम से बचायेगा वो ही।
नसीबों ने माना, है पहचान खो दी
कि तदबीर फिर भी दिखायेगा वो ही।
हो साजिश अँधेरों की पुरज़ोर कितनी
उजालों का दीपक जलायेगा वो ही।
झुका दो ये सर अपना चौखट पे उसकी
उठाकर गले से लगायेगा वो ही।
✍️ मीनाक्षी ठाकुर, मिलन विहार, मुरादाबाद
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जहाँ चाह है वहाँ राह है
सदियों से सुनते आये हैं
बढ़ते कदमों को तूफां भी
रोक भला कहाँ पाये हैं ।
चलते जाते जिनको चलना
नहीं बहाना उनको करना,
बढ़ते जाना बढ़ते जाना
नित नित आगे बढ़ते जाना,
बाधायें जितनी भी आयीं
वे विजय सभी पर पाये हैं ।।
बढ़ते कदमों को तूफां भी.......
नहीं डिगे हैं नहीं रुके हैं
नहीं थमें हैं नहीं थके हैं,
दर्द भूलकर बढ़े चले हैं
बढ़े चले हैं बढ़े चले हैं,
कर पराजित हर अटकन को
बस गान जीत के गाये हैं ।।
बढ़ते कदमों को तूफां भी.....
नेक इरादे अच्छी चाहत
करते नहीं कभी भी आहत,
राहें आसां बनतीं उनकी
देते हैं जो सबको राहत ,
मंजिल तक हैं वही पहुँचते
जो सच्ची लगन से धाये हैं ।।
बढ़ते कदमों को तूफां भी.....
✍️ डॉ रीता सिंह
आशियाना (मुरादाबाद)
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देर तक विपदा नही टिक पाएगी।
देखना इक दिन सुबह मुस्काएगी।
तेरी हिम्मत ही तेरा हथियार है,
दम से तेरे ये खत्म हो जाएगी।
योद्धा भी डर पाए कब इस काल से,
ये कलम तलवार से टकराएगी।
हैं अमर पग चिन्ह सुन इतिहास में,
जिस्म को ही मौत बस ले जाएगी।
हो गए कुर्बा जो राहे फ़र्ज़ में,
हर सदी उस नाम को दुहराएगी।
✍️ इन्दु रानी, मुरादाबाद
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देश ये फिर से यारों सँवर जाएगा।
जल्द ही ये करोना भी मर जाएगा।।
बात शासन की मानों मिरे दोस्तों।
गर न मानें मरज़ ये निगर जाएगा।।
रौशनी हर क़दम फिर से होगी यहाँ।
तीरगी से वतन जब उभर जाएगा।।
मारना है अगर मार नफ़रत को तू।
मारकर बेगुनह को किधर जाएगा।।
ज़ुस्तजू में जो रोजी की बेघर हुआ।
लौटकर आज अपने वो घर जाएगा।।
नासमझ बनके जो जाल फैला रहा।
खुद उसी जाल में फँस के मर जाएगा।।
जंग ग़ुरबत से भी आज है देख लो।
हौसला रख ये पल भी गुजर जाएगा।।
है मुझे ये शपथ आज के हाल पर।
अब न 'आनंद' कोई भी दर जाएगा।।
✍️ अरविन्द कुमार शर्मा "आनंद"
मुरादाबाद (उ०प्र०)
8979216691
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