सोमवार, 24 मई 2021

मुरादाबाद मंडल के साहित्यकार रमेश अधीर की ग़ज़ल ---- एक साल से अधिक हुआ है कब तक झेलें कोरोना, टूट रहा है हर सब्र का बिखरे माणिक मोती हैं .....


 

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