दिन बीते तुम जो मिले,
तम मे सौ-सौ दीप जले,
सुख-दुख जीवन मे जो मिले,
लगते थे सब हमको भले।
तुम जो मिले
तुम जो उस दिन मुस्कुराए,
हम अपने गम भूल गए,
अभावों की सूनी बगिया मे
मुरझाए फूल फिर से खिले
तुम जो मिले
चंदा से मधु माँग पिया,
फिर क्यों जीवन विषमय हुआ,
यूँ तो सफर मे साथ थे हम,
फिर क्यों तन्हा तन्हा चले
तुम जो मिले
अब तो सब कुछ बदल गया,
शाम हो गई और दिन ढल गया,
अलग-अलग क्यों उड़ते हैं
पंछी जो एक डाल पले
तुम जो मिले
मन्दिर के घंटों की ध्वनि,
खुश होते अम्बर-अवनि,
सर्द हवाएं चलती हैं
याद आई, तारे निकले
तुम जो मिले
✍️ आमोद कुमार अग्रवाल, सी -520, सरस्वती विहार, पीतमपुरा, दिल्ली -34
मोबाइल फोन नंबर 9868210248
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