शनिवार, 22 मई 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार विवेक निर्मल का गीत ---ये भी मेरा, वो भी मेरा भ्रम ये पाले हैं....


 

1 टिप्पणी:

  1. अनगित पढ़ीं किताबें लेकिन खुद को नहीं पढ़ा,
    वाह वाह, बहुत सुंदर‌ गीत भाई जी।

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