रविवार, 15 अगस्त 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार (वर्तमान में मुम्बई निवासी ) प्रदीप गुप्ता की रचना ---हो भले आराम कितना देश के बाहर कहीं,लौट फिर प्यार देता है यही अपना वतन .....


 

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