रविवार, 22 अगस्त 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ राकेश चक्र की बाल कविता ----अनुपम राखी का त्योहार


रक्षाबंधन ही लाता है

      अनुपम राखी का त्योहार।

धागा नहीं, प्रेम का बंधन

       खुशियाँ बढ़तीं कई हजार।।


दीपू की भी एक बहन है

      नाम मनोहर मंजूबाला।

सुंदर - सुंदर वस्त्र पहनकर

          पहने है बैजंती माला।।


बहना तुमको मैं लाया हूँ

      बढ़िया सुंदर - सी एक कार।।


दीपू भी तैयार हो गए

   सेंट लगाकर खुशबू वाला।

प्यारी बहना राखी बाँधो

          मैं रक्षक हूँ हिम्मतवाला।।


मंजू ने भी राखी बाँधी।

      पाया सुंदर - सा उपहार।।


घर - घर गली - गली में रौनक 

     मन चाहे पकवान बने हैं।

पुआ, पकौड़ी खीर है मेवा

       खाकर ही सब बने ठने हैं।।


सब बच्चों के मन को भाए 

       प्यारा - सा राखी त्योहार।।

✍️ डॉ राकेश चक्र , 90 बी,शिवपुरी, मुरादाबाद 244001,उ.प्र . भारत, मोबाइल फोन नम्बर 9456201857

Rakeshchakra00@gmail.com

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