रविवार, 15 अगस्त 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार अशोक विश्नोई की कविता -----पंद्रह अगस्त


भारत महंगाई घोटालों

से त्रस्त है

देखो 15 अगस्त है।

        ***

कानून जेब में

काम काज खाई में

व्यवस्था अस्त व्यस्त है

देखो 15 अगस्त है ।

       ***

दफ्तर खाली

कुर्सी खाली

जेब गरम                                          अधिकारी मस्त है 

देखो 15 अगस्त है ।

       ***

उल्टा फहरता तिरंगा

ऊंची आवाज में

बजती राष्ट्रीय धुन

प्रगति की घड़ी सुस्त है

देखो 15 अगस्त है ।

   ✍️ अशोक विश्नोई, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत

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