रविवार, 14 नवंबर 2021

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति की ओर से 14 नवम्बर 2021 को किया गया काव्य-गोष्ठी का आयोजन

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति की ओर से मासिक काव्य-गोष्ठी का आयोजन रविवार 14 नवम्बर 2021 को विश्नोई धर्मशाला लाइनपार में किया गया। 

राजीव प्रखर  द्वारा प्रस्तुत माँ शारदे की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई ने कहा --

 सारे संसार में खोजना व्यर्थ है। 

 बैठ जाओ कहीं भी गगन के तले।।

      मुख्य अतिथि ओंकार सिंह ओंकार की अभिव्यक्ति इस प्रकार थी - 

 रात अंधेरी में से ही तो, भोर नई फूटेगी।

 घोर निराशा में से आशा, जीवन में उतरेगी।।

      विशिष्ट अतिथि के रूप में रघुराज सिंह निश्चल ने कहा - 

      खूब जलाये दीपक तुमने, 

      मिटा नहीं मन का अँधियारा। 

      हृदयों में जब भरी कलुषता, 

      फिर कैसे होता उजियारा।।

      कार्यक्रम का संचालन करते हुए रामसिंह निशंक ने कहा ---

      सारे जग में सबसे सुंदर, 

      लगती हमें धरा अपनी। 

      सबसे बढ़कर न्यारी-प्यारी, 

      लगती हमें धरा अपनी।।

      केपी सिंह सरल ने आह्वान  किया - 

      अमन चाहते हो, बाबा को फिर गद्दी पर आने दो।।

      रामेश्वर वशिष्ठ की अभिव्यक्ति इस प्रकार थी -  द्वार द्वार पर नई चेतना जागे।

मिटे अंधकार नई चेतना जागे। 

     राजीव प्रखर ने देशवासियों का आह्वान करते हुए कहा - 

दिलों से दूरियाँ तज कर, नये पथ पर बढ़ें मित्रों।

 नया भारत बनाने को, नई गाथा गढ़ें मित्रों।

 खड़े हैं संकटों के जो बहुत से आज भी दानव, 

सजाकर शृंखला सुदृढ़, चलो उनसे लड़ें मित्रों।                        

     प्रशांत मिश्र की अभिव्यक्ति इस प्रकार रही - जब स्कूल की गोल कराई याद आती है,

  थियेटर में बैठे मैथ की पढ़ाई याद आती है।। 

      संजय विश्नोई ने कुछ इस प्रकार कहा-

       असत्य पर सत्य की जीत की एक सुनहरी सुबह नयी। 

       कितने युग बीत गये, प्रभु श्रीराम आज भी कालजयी।।

       योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई ने आभार-अभिव्यक्त किया ।








:::::::::प्रस्तुति::::::::

 राजीव 'प्रखर'

डिप्टी गंज, मुरादाबाद , उत्तर प्रदेश, भारत

मोबाइल फोन नम्बर 8941912642 , 9368011960 

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