सोमवार, 1 नवंबर 2021

मुरादाबाद मंडल के गजरौला (जनपद अमरोहा ) की साहित्यकार प्रीति चौधरी की ग़ज़ल -- .....दिये को हवा में जलाने लगा है


 ये क्या सिरफिरा आजमाने लगा है

 दिये को हवा में जलाने लगा है


 बताऊँ तुम्हें बात दिल की सुनों तो

 सफ़र ये नया यार भाने लगा है

   

चमन में खिले फूल को देखकर वह 

मुहब्बत वही  गुनगुनाने लगा है

   

 हँसा है बहुत वो बिना बात के ही

 लगे कुछ पुराना  भुलाने  लगा है


बचा लो उसे 'प्रीति' तुम इस जहां से 

नहीं जानता क्या  मिटाने लगा है

 ✍️ प्रीति चौधरी, गजरौला, अमरोहा

उत्तर प्रदेश, भारत 

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