एक
अर्थ उत्तर के बदल पाते हैं
प्रश्न आदम से चले आते हैं
है वही प्यार,धड़कनें भी वही,
गीत गा गा के दिल दुखाते हैं
खोखले जो ह्रदय के होते हैं,
दिल बहुत खोल कर दिखाते हैं
आत्मा को जिन्होंने बेच दिया,
धर्म धन यश वही कमाते हैं।
पाप जिन के हृदय में रहता है,
हाथ बढ़कर,विमल मिलाते हैं।
दो
शिला हो गये,पर हृदय में जलन है,
विरह ही विरह है ,मिलन ही मिलन है।
बहुत देर सोचा ,लिखा,फ़ाड़ डाला,
उसे जोड़ कर पढ़ रहे,यह सृजन है।
कहा देर तक ,पर नहीं कह सके जब,
नयन रो पड़े ,शब्द यह भी चयन है ।
रुला कर हंसाना,हंसा कर रुलाना,
प्रणय दो दिलों का दहकता हवन है ।
हृदय में हज़ारों हृदय फूट पड़ना,
विमल प्यार विष का स्वयं आचमन है ।
तीन
मौसम से बहारों ने अजब दर्द सहा है,
फूलों ने हवाओं में ज़हर घोल दिया है।
इस पागलों की भीड़ में कोई नहीं पागल,
हंसना तड़पते दिल को मनाने की अदा है।
खिलते हुये गुलाब पे ये ओस की बूंदें
ये जाम छलकते हैं,जवानी का नशा है।
टकरा के उजालों से,अंधेरों में खो गये,
पापों का भंवर दिल न लगाने की सजा है।
अपने अहं में खुद बने श्मशान का दिया
कहते हैं यह संसार बुरा ,बहुत बुरा है ।
अपने से दूर जायें तो जायें कहां जायें,
बाहर भी विमल आग ,घुटन और धुआं है।
✍️ नरेंद्र स्वरूप विमल
ए 220.से,122, नोएडा, उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नम्बर 9999031466
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