सोमवार, 8 नवंबर 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार अशोक विश्नोई की दो क्षणिकाएं -----


 

1--देखो हम

     कहाँ से कहाँ

     आ गये,

     जो भी लगा हाथ

     उसे खा गये।


2-- देश 

     प्रगति की ओर   

     बढ़ रहा है,

     हर कोई

     कुर्सी के लिए

     लड़ रहा है।


 ✍️ अशोक विश्नोई, मुरादाबाद 244001,उत्तर प्रदेश, भारत

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