बुधवार, 3 नवंबर 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार वीरेंद्र सिंह बृजवासी के पांच दोहे ----


 कुछ दोहे!

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धनतेरस,दीपावली,गोधन, भैया दूज,

नत मस्तक हो पूजिए,होवे पावन सूझ।


बनें सहायक सभी के,लक्ष्मी और कुवेर,

यश वैभव के दान में, करें न तनिक अवेर।


दीप मालिका से करें, घर भर का श्रृंगार,

मन अंधियारा दूर कर, भरो सकल उजियार।


फल,मेवा, मिष्ठान संग रखो खिलोने खीर,

खुशी-खुशी हो बांटिए,खुश होंगे रघुवीर।


जहरीला वातावरण,देता सबको पीर,

प्राण वायु निर्मल रखो, हो करके गंभीर।

   ✍️ वीरेंद्र सिंह बृजवासी, मुरादाबाद ,उत्तर प्रदेश, भारत 

  

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