सरस सलिल अविरल बहे,निर्मल गंगा धार।
मोक्षदायिनी मात तुम, तारो भव से पार।।
माघ मास पावन अती, पावन होत नहान।
पापनाशिनी तुम सदा,कहते वेद पुरान।।
गंगा तट पे गूंजते , ऋषि मुनियों के गान।
हर हर गंगे घोष में , सभीजन का कल्याण।।
धर्म कर्म और काज में, जल गंगा का होय।
अनुपम, अद्भुत, गुणकारी, राखो गेह संजोए।।
गौ, गंगा, गायत्री से, धारे संस्कृति प्रान।
हाथ जोड़ विनती यही, करियो सदा सम्मान।।
✍️ डॉ पूनम चौहान
दुर्गा विहार कॉलोनी नगीना रोड धामपुर( जिला बिजनौर) उत्तर प्रदेश,भारत
मोबाइल फोन नम्बर 92587 56221
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