रंग -बिरंगे रंगों संग ,
होली लाई एक नई उमंग ,
हर तरफ हुड़दंग मचा है भारी ,
इसलिए तो होली होती है न्यारी ,
राग - द्वेष सब भूल जाते ,
होली पर जब रंग लगाते ,
हवा में एक खुमारी छाई ,
चारों ओर मस्ती है छाई ,
गुंजिया ,कचरी की खुशबू से ,
चहु दिशाएँ महकी हैं ,
बिन इनके देखो प्यारे ,
होली की दावत भी अधूरी है ,
✍️ डॉ शोभना कौशिक, बुद्धिविहार, मुरादाबाद
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें