रविवार, 28 मार्च 2021

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ शोभना कौशिक की कविता ------रंग -बिरंगे रंगों संग , होली लाई एक नई उमंग .....

रंग -बिरंगे रंगों संग ,

होली लाई एक नई उमंग ,

हर तरफ हुड़दंग मचा है भारी ,

इसलिए तो होली होती है न्यारी ,

      राग - द्वेष सब भूल जाते ,

      होली पर जब रंग लगाते ,

      हवा में एक खुमारी छाई ,

      चारों ओर मस्ती है छाई ,

गुंजिया ,कचरी की खुशबू से ,

चहु दिशाएँ महकी हैं ,

बिन इनके देखो प्यारे ,

होली की दावत भी अधूरी है ,

✍️ डॉ शोभना कौशिक, बुद्धिविहार,  मुरादाबाद

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