रविवार, 14 मार्च 2021

राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति मुरादाबाद की ओर से रविवार 14 मार्च 2021 को काव्य गोष्ठी का आयोजन

राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति मुरादाबाद की ओर से रविवार 14 मार्च 2021 को  काव्य गोष्ठी का आयोजन जंभेश्वर धर्मशाला लाइन पार मुरादाबाद में किया गया । अध्यक्षता रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ ने की। मुख्य अतिथि ओंकार सिंह ओंकार और विशिष्ट अतिथि योगेंद्र पाल सिंह विश्नोई रहे। संचालन अशोक विद्रोही ने किया।

   काव्य गोष्ठी में योगेंद्र पाल विश्नोई ने कहा-

जो बात सुनने में है सुनाने में कहां

जो बात खिलाने में है खाने में कहां।

यूं तो सुख अपने अपने मन का है मगर ,

जो सुख अपने घर में है वह जमाने में कहां।

रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ ने कहा-

दीप के अभिसार दीपदान वाले 

मुझे निम्न स्थानों पर रख दे 

मुंडेर ,दहलीज ,देवालय घर की खनोची

 जहां की कर्मभूमि हो।।

अशोक विद्रोही ने कहा-

बेटों से बढ़के आज हमारी हैं बेटियां,

हो कोई इम्तिहान न हारी हैं बेटियां।

देता विदा के वक्त कलेजा निकाल के,

बाबुल को अपनी जान से प्यारी हैं बेटियां।।

राम सिंह निशंक ने कहा-

होली तो सब की होली है,

सब खुशी मनाओ होली में।

आओ रूठो को प्यार करें,

फिर गले लगाएं होली में।।

के पी सिंह सरल ने कहा-

बल न गए रस्सी जली, रही ऐंठ भरपूर।

शिथिल अंग तन के हुए,फिर भी है मग़रूर।।

रघुराज सिंह निश्चल ने कहा-

जिंदगी का सफर है बड़ा ही कठिन,

क्यों न ,निश्चल, जियें हम इसे प्यार से।

अशोक विश्नोई ने कहा--

दावत नामें में नहीं वह आदमी ! 

जो बैठा है भूखा प्यासा 

देख रहा है रोटी के टुकड़े पर 

लड़ते हुए कुत्तों को!!

ओंकार सिंह  ओंकार ने कहा--

ग़मो के बीच में आओ खुशी तलाश करें,

अंधेरे चीरकर हम रोशनी तलाश करें।।

शायर मुरादाबादी ने कहा

उल्टी-सीधी मैं लकीरें खींच रहा  हूं,

मैं अपने कल की तस्वीरें खींच रहा हूं।।

सरफराज़ हुसैन फराज़ ने कहा-

किसी की खूबियों पर कब नज़र है।

वह अपनी बस सताइस कर रहे हैं।।

 राजीव प्रखर ने कहा-

आहत बरसों से पड़ा रंगों में अनुराग,

आओ टेसू लौटकर बुला रहा है फाग।।

शबाब मैनाठेरी ने कहा--

जाम हाथ आते ही जो उछलने लगते हैं।

ज़र्फ़ उनका नाफिस है मैकसी अधूरी है।।

ताज भोजपुरी ने कहा-

जब कोई अपना दूर होता है

दर्द दिल में जरूर होता है।।

डा एम पी बादल जायसी ने कहा--

न आना है न जाना है ,यह हिला है बहाना है।

हंसते थे कभी हमभी बादल,अब अश्क बहाना है।।

     काव्य गोष्ठी में शिवओम वर्मा, रमेश चंद्र गुप्ता, चिंतामणि जी, चौधरी हरपाल सिंह,एवं अन्य कवियों ने भाग लिया। रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ अध्यक्ष राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति ने आभार अभिव्यक्त किया।















:::::::::प्रस्तुति::::::   

अशोक विद्रोही

 उपाध्यक्ष

राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति, मुरादाबाद

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