कान्हा संग होली।
खेलें राधा रानी।।
अबीर गुलाल कान्हा लगाये।
राधा इत उत दौडी जाये।
राधा को रंग भर मारे।
कनक पिचकारी।।
कान्हा संग होली ।
खेलें राधा रानी।।
गोपी संग ग्वाला धूम मचाये।
सब एक दूजे को रंग लगाये।
रंग भर भर मारे पिचकारी।।
कान्हा संग होली ।
खेलें राधा रानी।।
वृन्दावन में रास रचाये।
गोकुल में सब सुध बिसराये।
यशोदा मैया ढुढन जारी।
कान्हा संग होली
खेलें राधा रानी।
चन्द्र कला भागीरथी, धामपुर, जिला बिजनौर
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