रविवार, 28 मार्च 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार श्री कृष्ण शुक्ल की कविता --------कवि गोष्ठी और कोरोना ....


इस बार होली पर

पत्नी ने हमें चौंका दिया,

पहली बार हमें होली की 

कवि गोष्ठियों में सहर्ष जाने दिया,

हमने उत्सुकतावश पूछा,

प्रिये, इस उदारता का कोई विशेष कारण,

क्या अब हम स्थापित करेंगे 

परस्पर विश्वास का नया उदाहरण।

बोलीं, ज्यादा उछलो मत, 

बंद करो खुश होना।

क्या भूल गये चारों ओर 

छा रहा है कोरोना 

जानती हूँ, तुम्हें रंगों से एलर्जी है।

होली पर छींकों की झड़ी लगी रहती है।

सारी गोष्ठी तुमसे तीन फीट दूर रहेगी।

कोई कवियित्री तुम्हारे गले नहीं पड़ेगी।

हम भी आसानी से कहाँ मानने वाले थे।

आखिर बीरबल के खानदान वाले थे।

तुरंत कहा, तुम भी अधूरी जानकारी रखती हो।

अरे कोरोना का वायरस

अल्कोहल से मरता है, 

इतना भी नहीं जानती हो

वहाँ तो अद्धे पौए का भी इंतजाम होगा।

और दारू के आगे कोरोना क्या करेगा।

इतना सुनना था कि उन्होंने 

अपने तेवर बदल लिये।

और हम भी गोष्ठी के लिये 

चुपचाप सरक लिये।


✍️ श्रीकृष्ण शुक्ल,

MMIG-69,

रामगंगा विहार,

मुरादाबाद।

मोबाइल नं 9456641400

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