शनिवार, 13 मार्च 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की लघुकथा ---------शुद्ध इच्छा

 


सूरज एक कारखाने में दिहाड़ी पर मजदूरी कर जैसे तैसे अपने परिवार को पाल रहा था। उसके घर के पड़ोस में एक मंदिर था।रोजाना शाम को 8 बजे आरती होती थी।सूरज नियम से,रोजाना आरती में शामिल होता था।आरती के लिए पैसे वालोंं को,या फिर उन लोगो को ही बुलाया जाता था,जिन्होंने कुछ ना कुछ दान दिया होता था।

   आज उसका जन्मदिन था।उसकी तीव्र इच्छा थी कि आज आरती मैं करूं।वो भीड़ को चीरता हुआ बिल्कुल आगे जा कर खड़ा हो गया लेकिन पुजारी जी ने हमेशा की तरह किसी बड़े आदमी को आरती के लिए बुला लिया।जैसे ही आरती शुरू हुई,पता नहीं क्या हुआ,उस आदमी के पैर लड़खड़ाने लगे और वो जमीन पर गिर पड़ा।सूरज ने लपक कर आरती के थाल को,गिरने से पहले ही थाम लिया और आरती करनी शुरू कर दी ।

   आरती के बाद सूरज के चेहरे पर अलग सी चमक थी।श्रद्धा और विश्वास उसकी आंखों से टपक रहा था।उसकी शुद्ध इच्छा पूरी हो गई थी।

,✍️ डॉ पुनीत कुमार, टी 2/505, आकाश रेसीडेंसी, मधुबनी पार्क के पीछे, मुरादाबाद 244001

M 9837189600

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