रविवार, 1 मई 2022

मुरादाबाद के साहित्यकार अशोक विश्नोई के पांच हाइकू


1--लोकतंत्र है

     झूंठ बोलता रह

     यही मंत्र है


2--रिश्ता टूटा है

     गिर गये स्वार्थ में

     साथ छूटा है


3--विचारो ज़रा

     भीड़ में वहां कहीं

     कौन है मरा


4--एक दो तीन

     आचरण सुंदर

     फिर भी दीन


5--हैं आस पास

    तुम्हारी मेरी याद

    क्यों हो उदास


✍️ अशोक विश्नोई

 मुरादाबाद

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