रविवार, 8 मई 2022

मुरादाबाद मंडल के बहजोई (जनपद सम्भल ) निवासी साहित्यकार दीपक गोस्वामी चिराग का गीत---- पाती माँ के नाम लिखूँ


कभी-कभी मन करता मेरा, पाती माँ के नाम लिखूँ।

राम-राम, सत श्री अकाल या,दिल से उसे सलाम लिखूँ।


 उसके उदर पला तो उसको, मिलते कितने कष्ट रहे,

प्रसव पीर सहने से पहले, अनगिन थे आघात सहे।।

जो रातें थीं टहल गुजारी ,उन रातों के नाम लिखूँ।

कभी-कभी मन करता मेरा ........................... 


घुटमन-घुटमन मैं चलता था,ताली बजा बुलाती थी।

फिर-फिर कर लेती थी बलैयाँ,गोद ले चाँद दिखाती थी।

जो माँ मुझसे बातें करती, रोज सुबह और शाम लिखूँ।

कभी-कभी मन करता मेरा ..............................


मुझको नींद न जब आती थी, थपकी दे दुलराती थी।

 जाग-जाग कर रात-रात भर ,लोरी सुना सुलाती थी।

राजा-रानी के अफसाने, परी-कथाएं तमाम लिखूँ।

कभी-कभी मन करता मेरा .........................


लिख दूँ सब बचपन की बातें,वर्षा की काली रातें।

बिजली कौंधी हृदय लगाती,चुम्बन की दे सौगातें।

माँ की महिमा लिखी न जाए,चाहे आठों याम लिखूँ।

कभी-कभी मन करता मेरा ...........................


✍️  दीपक गोस्वामी 'चिराग'

शिव बाबा सदन

(निकट एस.बी. कान्वेंट स्कूल)

कृष्णा कुंज, बहजोई

(सम्भल ) 244410 उ.प्र.

चलभाष 9548812618

ईमेल -deepakchirag.goswami@gmail.com

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