रविवार, 1 मई 2022

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की कविता ---सेल्फी

 


पहले हम हर खास मौके पर

पेशेवर फोटोग्राफर बुलाते थे

यादगार तस्वीरें खिंचवाते थे

फोटोग्राफर बताता था

कैसा मुंह बनाना है

कब मुस्कराना है

कब खिलखिलाना है

कब गंभीरता को ओढ़ना है

कब सादगी को अपनाना है

कब ऊपर देखना है

कब नज़रे झुकाना है

कब तक खड़े रहना है

कब बैठ जाना है

इस तरह हम

अलग अलग तस्वीरें

बनवाते थे

भीतर से चाहें जैसे हो

बाहर से अपने आपको

अच्छा ही दिखाते थे

और शायद इसीलिए

महंगा से महंगा

फोटोग्राफर बुलाते थे

लेकिन अब जमाना 

बदल गया है

हम आत्मनिर्भर हो गए हैं

सेल्फी से काम चलाते हैं

समझ नही पाते हैं

कब क्या करना है

अपने ब्लैक एंड व्हाइट व्यक्तित्व में

कब कौन सा और कितना

रंग भरना है।

✍️ डॉ.पुनीत कुमार

T 2/505 आकाश रेजीडेंसी

मुरादाबाद 244001

M 9837189600

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