मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिंदी साहित्य संगम की ओर से रविवार 2 जनवरी 2022 को गूगल मीट पर नववर्ष को समर्पित काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया।
राजीव 'प्रखर' द्वारा प्रस्तुत माँ शारदे की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शायर ओंकार सिंह 'ओंकार' ने अपनी ग़ज़ल की तान कुछ इस प्रकार छेड़ी -
खुशियां हज़ार लाएगा अबके नया बरस ।
यूं जगमगाता आएगा अबके नया बरस।
इक प्यार बनके छाएगा अबके नया बरस।
सब नफ़रतें मिटाएगा अबके नया बरस।।
मुख्य अतिथि डॉ. मनोज रस्तोगी ने नववर्ष का स्वागत इन शब्दों से किया -
मंगलमय हो, आनन्दमय हो
नूतन वर्ष का शुभागमन।
हो समृद्धि आपकी और
हो सुखों का आगमन।
विशिष्ट अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने सर्दी का जीवंत चित्र खींचते हुए कहा -
ठिठुरन भी धरने लगी, रोज़ भयंकर रूप।
रिश्तों में अपनत्व-सी, कहीं खो गई धूप ।।
कुहरे ने जब धूप पर, पाई फिर से जीत ।
सर्दी भी लिखने लगी, ठिठुरन वाले गीत ।।
विशिष्ट अतिथि कवयित्री डॉ. संगीता महेश ने नववर्ष का अभिनंदन करते हुए कहा -
आओ नववर्ष, तुम्हारा अभिनंदन।
शुभ हो तुम्हारा जीवन में आगमन।
स्वागत में हम गीत तुम्हारे गाते हैं।
नव आशा का दीप जलाते हैं।
संचालन करते हुए संस्था के महासचिव जितेन्द्र 'जौली' की अभिव्यक्ति इस प्रकार रही -
बेटी अब बेटा बनी, चला रही परिवार।
बेटी को भी दीजिए, बेटों जैसा प्यार।।
वरिष्ठ साहित्यकार अशोक 'विद्रोही' ने देशभक्ति की अलख जगाते हुए कहा -
मैं जाऊं जब भी दुनिया से यही बस आरजू मेरी।
तिरंगा हो कफन मेरा भी मैं उस में लिपट जाऊं।।
युवा साहित्यकार राजीव 'प्रखर' ने अपने भावों को दोहों में अभिव्यक्त करते हुए कहा -
है तुमसे यह प्रार्थना, हे गिरधर गोपाल।
हर संकट से मुक्त हों, आने वाले साल।।
फुटपाथों पर बन रहा, किस-किस की तक़दीर।
बूढ़े एक लिहाफ़ का, बेदम पड़ा शरीर।।
कवयित्री इंदु रानी की अभिव्यक्ति इस प्रकार थी -
धीरे धीरे उंगलियाँ छुड़ा रहा यह वर्ष।
अंग्रेजी नव वर्ष का,मना रहे हम हर्ष।।
लोकप्रिय कवयित्री मोनिका शर्मा 'मासूम' का अंदाज़ इस प्रकार रहा -
इन आंखों में तेरा चेहरा, तेरा ही नाम होठों पर।
नहीं उतरे नशा जिसका रखा वो जाम होठों पर।
तेरी सांसों से महके ये मेरी सांसों की स्वर लहरी,
बनाकर बांसुरी रख ले मुझे तू श्याम होठों पर।
डॉ. रीता सिंह की अभिव्यक्ति इस प्रकार थी -
पल पल खुशियाँ रास रचाएँ।
जन सारे उल्लास मनायें।
दीप नेह का कर ज्योतिर्मय,
कलुष जगत का दूर भगायें।
संस्था के कार्यकारी महासचिव राजीव 'प्रखर' द्वारा आभार-अभिव्यक्ति के साथ कार्यक्रम विश्राम पर पहुँचा।
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