नेता करने वाले हैं, आघात चुनाव में!
धन की होने वाली है, बरसात चुनाव में!
बात करेंगे बड़ी-बड़ी, मनहर व्यवहार में;
दिखला देंगे वोटर की, औकात चुनाव में!
मार कुंडली बैठे ज्यों, अजगर बाजार में;
मुखिया जी त्यों कर देंगे, प्रतिघात चुनाव में!
जादू नटवरलाल करें, अदभुत ही मंच पर;
भोली जनता पा जाती, सौगात चुनाव में!
रस्सी को सांप बनाकर, करें भेड़िए स्वांग;
भड़काते देशद्रोह हैं, बदजात चुनाव में!
बरसाती मेंढक बनकर, निकले हैं हर बार;
उछल - कूद से कर देते, दुर्घात चुनाव में!
गद्दारों की फौज करे, अनुशासन गांव में;
मक्कारों का हो जाता, उत्पात चुनाव में!
सब गिरगिट राजनीति के, खेलेंगे हर दांव;
जनता ही मारे पटकी, पदघात चुनाव में!
✍️डा. महेश ' दिवाकर '
'सरस्वती भवन'
12-मिलन विहार, दिल्ली रोड
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नम्बर 9927383777, 9837263411, 9319696216
राजनीति पर सटीक व्यंग्य करती एक बेहतरीन कविता
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