रविवार, 30 जनवरी 2022

मुरादाबाद मंडल के कुरकावली (जनपद सम्भल ) निवासी साहित्यकार त्यागी अशोका कृष्णम की व्यंग्य कविता------ सुविधाभोगी गठबंधन वाली सरकार

 


वही पिटा-पटाया ढोल बजाना,

 चुनाव से पहले,

 गठबंधन में बँध जाना, 

इक्के, दुक्के, नहले, दहलों का!

जवान लड़के, 

और लड़कियों की तरह,

 एक दूसरे के गले में बाँहें डालना,

 दुलारना, पुचकारना, रिझाना,पटाना

 साथ जीने,

 और मरने तक की कसमें खाना,

और,

 चुनाव के ठीक बाद, 

शुरू होता है तय करना, 

सुख-सुविधाओं का बराबर प्रयोग,

अर्थात

बिलास भोग,

भोग-विलास की शर्तों पर,

 पुत्र रत्न की तरह,

 प्राप्त तो हो ही जाती है सत्ता! 

आप सभी जानते हैं इसके बगैर, 

हिलता नहीं है, 

कहीं कोई भी पत्ता!

पत्ता खड़कता है,

 धीरे-धीरे, 

बंदा  रड़कता है, 

धीरे-धीरे,

धीरे-धीरे, एक दूसरे के प्रति,

 आकर्षण कम होता है,

 कोई ज्यादा पा लेता है,

 कोई सब कुछ खो देता है,

इस तरह,

 जब एक करने लगता है,

 दूसरे के साथ, बलात्कार!

तो 

नाजायज, पेट की तरह,

समय से पहले ही गिर जाती है, 

सुविधा भोगी गठबंधन वाली सरकार,

मेरा पहले भी था,

 आपसे एक ही निवेदन,

 और आज भी है एक ही दरकार!

इन तथाकथित,

प्रेमियों को,

बलात्कारियों को,

 विलासी भोगियों को,

 ठिकाने से लगा दो,

अबकी बार फिर एक ईमानदार, 

सरकार बनवा दो


✍️ त्यागी अशोका कृष्णम्

कुरकावली, संभल

उत्तर प्रदेश, भारत




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