कुछ बात ऐसी हो जाएं इस नए साल में
सब मैल मन के धो जाएं इस नये साल में
न फासले कोई रहें ना हो कोई तकरार ही
सब प्यार में ही खो जाएं इस नए साल में
बागों में खिलते रहे फूल अपनी उम्र तक
कुछ ऐसे बीज बो जाएं इस नए साल में
महकी हो दूर तक फिजा जहां तक रसाई हो
सब रंगो बू में सो जाएं इस नए साल में
✍️ धर्मेंद्र सिंह राजौरा, बहजोई
जनपद सम्भल, उत्तर प्रदेश
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