शनिवार, 15 जनवरी 2022

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिंदी साहित्य सदन की ओर से साहित्यकार एवं इतिहासकार डॉ अजय अनुपम की कृति 'भारत के इतिहास में मुरादाबाद का स्थान' का सार्वजनिक लोकार्पण एवं परिचर्चा का आयोजन

मुरादाबाद के प्रख्यात साहित्यकार एवं इतिहासकार डॉ अजय अनुपम की कृति 'भारत के इतिहास में मुरादाबाद का स्थान' का सार्वजनिक लोकार्पण एवं परिचर्चा का आयोजन शुक्रवार 14 जनवरी 2022 को किया गया। हिंदी साहित्य सदन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने पुस्तक की महत्ता और प्रामाणिकता पर साधुवाद देते हुए कहा कि मुरादाबाद के इतिहास में अब तक कोई ऐसी कोई पुस्तक सामने नहीं आई है। 

      कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात व्यंग्य कवि डॉ मक्खन मुरादाबादी ने कहा कि 18 वीं शताब्दी में ठाकुरद्वारा राज्य की स्थापना को उजागर करते हुए बीसवीं शताब्दी में ब्रिटिश शासन द्वारा देसी रजवाड़ों के योजनाबद्ध विनाश का महत्वपूर्ण विवरण इस ऐतिहासिक कृति में प्रस्तुत किया गया है। पर्यावरण मित्र समिति के महासचिव केके गुप्ता ने कहा कि मुरादाबाद के कालापानी कहे जाने वाले ठाकुरद्वारा नगर की भौगोलिक महत्ता इस पुस्तक में प्रस्तुत की गई है।

       कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने कहा कि डॉ अजय अनुपम ने इस कृति के माध्यम से  मुरादाबाद क्षेत्र के अनेक अज्ञात साहित्यकारों का महत्वपूर्ण विवरण दिया है, जिन पर शोध करने की आवश्यकता है । 

ज्योतिर्विद विजय कुमार दिव्य ने कहा यह कृति मुरादाबाद की प्राचीन शिक्षा पद्धति और जनजीवन की भावना को जानने के लिए  उपयोगी सिद्ध होगी।  अवकाश प्राप्त एबीएसए घनश्याम सिंह ने कहा इस पुस्तक में क्षेत्र के प्राचीन रीति-रिवाजों और उच्च मध्यम वर्ग की महिलाओं के घरेलू तथा सामाजिक स्तर का बखूबी मूल्यांकन किया गया है।

       आयोजन में गोकुलदास हिंदू कन्या महाविद्यालय की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर संस्कृत डॉ कौशल कुमारी, इंजीनियर स्वाति सिंघल आदि उपस्थित थे। आभार अभिव्यक्ति सुगम अग्रवाल ने की।










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