भारत माँ की शान है हिन्दी
सनातनी पहचान है हिन्दी ।
पैंसठ प्रतिशत जन की भाषा,
पूरा हिन्दुस्तान है हिन्दी
भारत की थाती की वाहक,
संस्कृत की संतान है हिन्दी।
भोजपुरी, अवधी, नेपाली,
बृज की मात समान है हिन्दी।
वर्ण क्रम में वैज्ञानिकता,
भाषा बहुत महान है हिन्दी।
ग्यारह स्वर इकतालीस व्यंजन,
वर्ण-चिह्नों की खान है हिन्दी।
ढाई लाख की शब्द सम्पदा,
छंद व रस प्रधान है हिन्दी।
इसमें नहिं अपवाद कहीं भी,
सीखो तो आसान है हिन्दी।
तुलसी,सूर, जायसी,रहिमन,
घनानंद ,रसखान है हिन्दी।
मीरा के पग की रुनझुन है,
भूषण की भी बान है हिन्दी।
कबिरा की फक्कड़ता इसमें,
खुसरों का अभिमान है हिन्दी।
नीर भरी दुःख की बदली है,
दिनकर की भी आन है हिन्दी।
बच्चन की ये मधुशाला है,
नीरज का भी गान है हिन्दी।
यह किरीट सब भाषाओं की,
कवियों को वरदान है हिन्दी।
✍️दीपक गोस्वामी 'चिराग'
बहजोई (सम्भल) उ. प्र., भारत
मो. 9548812618
Bahut shandar 👏👏
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