ऐ हिन्दी तेरे वर्णो से
सजा हुआ संसार ।
सुर लय ताल छन्द सारे
गाये मधुर मल्हार ।
ऐ हिन्दी - - - - - - -
स्वर और व्यंजन
मिल दे सारे शब्दो को आधार |
क ख ग घ मिलकर सारे
चले बनाकर कतार ।
करके शब्द साधना प्राणी
ज्ञान मिले भरमार ।
ऐ हिन्दी तेरे - - - - - -
मातृ भाषा तुझको कहते
पढ़े सभी संसार ।
तुम बिन मै अज्ञानी बालक
तुम बिन है अंधियार ।
ऐ हिन्दी तेरे वर्णो से
सजा हुआ संसार ।
✍️ नीमा शर्मा 'हँसमुख '
नजीबाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत
Mayank Agarwal
जवाब देंहटाएंबिजनौर
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