सोमवार, 10 जनवरी 2022

मुरादाबाद मंडल के हसनपुर (जनपद अमरोहा) निवासी साहित्यकार मुजाहिद चौधरी की ग़ज़ल ---विश्वास था तो जग जीत लिया, अब जग है पर विश्वास नहीं


मंजिल की और तलाश नहीं ।

मंजिल भी शायद पास नहीं ।।     

मैं थक के राह में बैठ गया    । 

मुझे दर्द का कुछ एहसास नहीं ।

नहीं पाने की कोई चाहत अब ।   

अब कुछ खोने की आस नहीं ।।   

मुझे कौन मिला किसने छोड़ा ।   

ये सब किस्मत के किस्से हैं ।।      

हां जिनके लिए सबको छोड़ा ।     

अब उनको मेरा पास नहीं ।। 

विश्वास था तो जग जीत लिया । 

अब जग है पर विश्वास नहीं ।। 

क्यों अपना मुजाहिद को समझूं ।

जब मैं ही खुद के पास नहीं ।।                  


✍️मुजाहिद चौधरी 

हसनपुर , अमरोहा

उत्तर प्रदेश, भारत

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